Hindi Lyrics Version
यॅ! रातों को जाग कर मेहनत जो करता
वो ज़िंदगी मेरी मज़ाक नही
रुकते ना आँधी के आने से
सरफिरे लड़के जो आदत से बाज़ नही
दिक्कतें काफ़ी है देखे है
धूप तो झेले है बरसात कहीं
बातों से माने ना लोग तो छ्चोड़े है
घूसे ओर मारे है लात काई
यह वो खानदानी स्टाइल
बाप जैसा बेटा मैं रुकता नि भाई
गाता जहाँ पर मैं ठूकता नही भाई
हक़ का हूँ ख़ाता मैं लूट’ता नही भाई
साथ दिया जिसने भी भूलता नि भाई
और’ओं के बीच ज़्यादा खुलता नि भाई
कक्चा मैं अपने उसूल का नि भाई
हूँ मैं गिरता डेली क्यू की रोज़ करू ट्राइ यॅ! (यॅ)
अजीब सी यह तलब है
बरकत ना मिलती तो होती यह तड़प है
बोहोट सारे कहते थे रास्ता यह ग़लत है
सुनी बस खुदकी अब छ्छू लेना फलक है
जीटा तो स्वॅग और हरा तो नरक है
तेरी जला के लगते यह बरफ है
रास्ते में आते तहे लोग भी तो काफ़ी
पर माफ़ किया तुझको तो मा की यह झलक है
रोज़ करू काम रोज़ बड़े दाम
रोज़ बड़ा नाम रॅप सुबा शाम सोच ना यह आम
कोई ना लगाम कैंची ज़ुबान सबको सलाम
जो भी है साथ और यह भाई लोग भी
सारे है काम में माहिर
बनाते महफ़िल जहा होते शामिल
लिखावट ऐसी ना है सबको हासिल
भरे पन्ने ऐसे होये सब मुनसीर हन
अब करते है जो माज़ी कमाते है पैसे तो
लगती है ज़िंदगी, बोहोट सही, बोहोट सही
लगती है ज़िंदगी, बोहोट सही, बोहोट सही
रूकने का हम में कोई, शौक नही, शौक नही
लगती है ज़िंदगी, बोहोट सही, बोहोट सही
लगती है ज़िंदगी..
बोहोट सही, बोहोट सही
लिया मैने कोई लॉस नही
अब लिखूं जब वर्स भी, हिलती है धरती
रॅपर जो फ़र्ज़ी है ख़ौफ़ में ही
मेरे शहेर में लौंदे है सॉफ्ट नही
स्विंगिंग तट आइरन, यह गोल्फ नही
क्र$ना जब आया तो बीफ का सफ़ाया
गौ रख़्शक’ओं के पास जॉब नही
किल किया तब, मैने किल किया आज
जब दिल किया, भैया मैने किल किया साँप
मेरे विल की है बात, हासिल किया ताज
योउ डॉन’त रियली वॉंट स्मोक खोल दो खिड़कियाँ आज
शैतान देखो पीठ पे सवार
असली में हार्ड तू? स्ट्रीट में सवाल
वीक है ना बार्स यह जीते ना चल
गाँधी के विचार पर बीट पे जवाहर
बाकी जब जान, तो वाकाई में शान
असली हो काम तो सुनती आवाम
तरक्की पे ध्यान है तो सबको सलाम
पर वार के तुफाआँ में यह कलाम भी अब्दुल कलाम
ई कॉल इट केलॅमिटी (हन)
इनका फन बसे बनावटी (हन)
इनका तो स्टाइल है कॉमेडी (हन हन)
क्वांटिटी है पर क्वालिटी कहाँ?
में तो यहाँ ऑलरेडी था
उमर जब सोला थी, दो रे मी फा
कोलकाता शहेर में ज्त्रिक्ष है दोस्त
बाकी तो मेरा वहाँ कोई ना मित्रा
रेज़िंग थे बार, ब्लेज़िंग आ पाठ
हसल थी रियल मेरी मैं तो कभी लेज़ी ना था
मैं तो बार्स का गुलाम पर कैदी ना था
खुले आम ले लूँ जान, दे दो मेरी सज़ा
अब करते है जो माज़ी कमाते है पैसे तो
लगती है ज़िंदगी, बोहोट सही, बोहोट सही
लगती है ज़िंदगी, बोहोट सही, बोहोट सही
रूकने का हम में कोई, शौक नही, शौक नही
लगती है ज़िंदगी, बोहोट सही, बोहोट सही
लगती है ज़िंदगी, बोहोट सही