ख़ैर Khair Lyrics in Hindi – Badshah | 3 AM Sessions

Khair lyrics in Hindi sung by Badshah, The Song is written by Badshah, and music composed by Badshah., While Music label by Badshah.

Hindi Lyrics Version

अब वो केयर नहीं करती,
दिल में जो बातें हैं,
वो शेयर नहीं करती,
रोती भी नहीं,
लेकिन हंसी भी नहीं है,
लगता है जैसे,
उसके बस की ही नहीं है,


गिव अप कर चुकी है वो ये,
काफ़ी हर्ट हो चुकी है वो ये,


जो कभी सोना चाँदी,
डाइअमंड होती थी उसके लिए,
डर्ट हो चुकी है वो ये,


और ये पता है उसे,
लेकिन क्यों ऐसा लगे,
ना कोई खाता है उसे,


वो अब भी रानी ही है,
कोई बताए उसे,
ये माथे पे शिकन है जो,
कोई हटाये उसे,


दे दुआएं उसे,
क्यों कोई भला रुलाये उसे,
वो हंसने को तैयार बैठी है,
कोई हंसाए उसे,


कोई फिर से पालकों पे,
बिठाये उसे,


समझाए उसे ये की,
उसकी आंखों की चमक है,
महंगी दुनिया के किसी भी,
हीरे की कीमत से,


सूरत की धानी है,
लेकिन मालकिन लगे,
किसी सल्तनत की सीरत से,


उसके आशुओं के लायक,
इस ज़मीन पर कोई नहीं,
किस च**तिये के पीछे,
वो इतनी रातें सोया नहीं,
पर कोई नहीं,


ऊपर वाले के खेल,
अलग हैं अजब हैं,
वो संभल लेगा,


वो फिर से चहकने लगेगी,
ऐसा कोई कर कमाल देगा,


उसका अच्छा सोचने वालों की,
तारकी होने लगेगी,
बता रहा हूं मैं,


उसका बुरा सोचने वालों का,
कर वो बुरा हाल देगा,


जहां से गुजरेगी,
फिर से गुलाब और चमेली के,
फूल खिलेंगे,


सूरज भी चमकेगा,
और बारिश भी होगी,
रेन्बोज़ बनेगा,


महकने लगेगा सच में,
सब महकने लगेगा,


तेरा मेरा क्या है,
हम फिर कभी और मिलेंगे,


खैर!,


गॉटा लेट यू गो..,